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तुम / नाज़िम हिक़मत

7 bytes added, 15:43, 11 अक्टूबर 2018
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तुम मेरी ग़ुलामी हो और हो मेरी आज़ादी
शुरू गर्मी की रात में मेरा जला हुआ गोश्त हो
मेरे देश हो तुम।
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