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कामयाब / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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16:30, 23 अक्टूबर 2018
महान होने का दावा,
उसके पैरों के नीचे
ज़मीन नहीं, दलदल
है.
है।
दलदल में धँसा हुआ
वह ख़ुश है, बेहद ख़ुश है।
अनिल जनविजय
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