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काँपती किरनें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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18:02, 2 अप्रैल 2019
जब साँझ डूबी
चांद
चाँद
था
उतरा किनारे।
लाया सितारे।
चांद
चाँद
की
पलकें झुकीं कि
वीरबाला
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