फिर कोई गीत गाने से क्या फ़ायदा
दिल झुके तो है ज़रूरी इबादत में आए मज़ादिल भी झुके बे-वजह बेसबब सर झुकाने से क्या फ़ायदा
दिल चुराया चुरा ही लिया है ये तुमने मेरा ठीक हैतो फिर
अब ये नज़रें चुराने से क्या फ़ायदा
ज़ह्न में जो भी दिल में है वह साफ़ कह दीजिये
बात दिल में छुपाने से क्या फ़ायदा
ऐसे आने न आने से क्या फ़ायदा
उनसे कहियेगा इस उम्र कह दो कि आ जाएँ दिल में अब 'रक़ीब'
नाज़-नख़रे दिखाने से क्या फ़ायदा
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