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अस्वीकरण
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मौसम / सुरेन्द्र स्निग्ध
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18:48, 6 मई 2019
बड़े शोख हैं फूल !
(कैसे कहूँ, हुज़ूर, आपके अपने शरीर के
अंग
अँग-
विशेष ने गन्दी हवा
छोड़ी है !)
</poem>
अनिल जनविजय
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