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माँ है रेशम के कारख़ाने में / अली सरदार जाफ़री
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14:18, 14 जुलाई 2019
जिस्म चान्दी का धन लुटाएगा
खिड़कियाँ होंगी बैंक की रौशन
खून इसका
दिए
दिये
जलाएगा
यह जो नन्हा है भोला-भाला है
अनिल जनविजय
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