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जब कभी मिला करो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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12:18, 27 जनवरी 2020
शुक्र तो अदा करो
है
वो
नहीं 'रक़ीब'
वो
है
प्यार से मिला करो
</poem>
SATISH SHUKLA
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