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असमान यात्री / देवान किराती
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03:05, 19 जून 2020
तर कहिल्यै केही बोल्दैनौ हतारमा
तै मुसुक्कै–मुसुक्कै हाँस्छौँ दुवै ।
एक दिन चोक–किनारामै च्याप्प समायो मलाई
Sirjanbindu
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