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लोहा / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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20:20, 20 जून 2020
सपने में आज रात को
देखा मैंने ज़बर्दस्त तूफ़ान ।
मचान को जकड़ लिया उसने
बकसुओं को उखाड़ फेंका उसने
अनिल जनविजय
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