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दाना डाल रहा चिड़ियों को मगर शिकारी है / डी. एम. मिश्र
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09:26, 16 नवम्बर 2020
लोग कबूतर बनकर खाली टुक -टुक ताक रहे
उसकी जुमलेबाजी में कितनी मक्कारी है
?
रंग बदलने वाली उसकी फ़ितरत भी देखी
फिर भी माली की भी तो कुछ जिम्मेदारी है
उसके बारे में इससे ज़्यादा क्या और कहूँ
?
लोग यही बस देख रहे हैं सूरत प्यारी है
</poem>
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