गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
वह शान्त है और मैं भी / महमूद दरवेश
354 bytes added
,
03:46, 4 दिसम्बर 2020
वह एक राहगीर है जो सोचता हो कि मैं हत्यारा हूँ
वह डरा हुआ है, और मैं भी !
………………………………………………………………………
'''[[ऊ शान्त थियो, र म पनि / महमुद दरविस / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ]]'''
</poem>
Sirjanbindu
Mover, Reupload, Uploader
10,400
edits