गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
टूटी हुई बाँसुरी लेकर सुर साधूँ तो साधूँ कैसे? / अंशुल आराध्यम
1 byte removed
,
11:33, 12 सितम्बर 2021
इस दुनिया में राई जैसा
ऊपर-ऊपर पँखुरियाँ हैं नीचे- नीचे शूल बिछे हैं
ऐसे में आगे बढ़ने का पथ माँगूँ तो माँगूँ कैसे ?
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits