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02:31, 20 अक्टूबर 2021 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=एल्वी सिनेर्वो
|अनुवादक=सईद शेख
|संग्रह=
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<poem>
बादल मेरे ऊपर मण्डरा रहे थे
जैसे कि सपने जो मैंने बचपन में देखे थे
जैसे कि वे दिन जो मैंने जीए थे ।
बादल मेरे ऊपर मण्डरा रहे थे,
हवा आई और उसने उन्हें बिखरा डाला ।
और मैंने उन्हें फिर नहीं देखा
'''मूल फ़िनिश भाषा से अनुवाद : सईद शेख'''
</poem>
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