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09:44, 24 अक्टूबर 2021 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=केटी निव्याबन्दी
|अनुवादक=राजेश चन्द्र
|संग्रह=
}}
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<poem>
गोलियों की
बारिश हो रही है
विधाता के हरे तकिये पर
बारिश
भय और इस्पात की
आशा और आज़ादी
के बीज पर
ये बीज
अंकुरित होंगे ज़रूर।
'''अँग्रेजी से अनुवाद : राजेश चन्द्र'''
'''लीजिए, अब इसी कविता को मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए'''
Ketty Nivyabandi
</poem>
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