गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
लम्बी व्यस्तता के बाद / राबर्ट ब्लाई / अनिल जनविजय
3 bytes removed
,
00:21, 26 नवम्बर 2021
<Poem>
हफ़्तों तक मेज़ पर बैठे रहने के बाद
मैं टहलने के लिए
निकलता
निकला
हूँ
चान्द डूब चुका है
आकाश में तारे भी नहीं हैं
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits