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चमन के रंग ओ बू में तू, / रिंकी सिंह 'साहिबा'
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11:29, 26 नवम्बर 2021
के दिल के ज़ख़्मों का भंवर, दिखा रहा है रहगुज़र,
है
मंजिलों
मंज़िलों
पे जब नज़र, शुरू करूँ न क्यों सफ़र,
निगाह गर उठा दूँ मैं, जहां को जगमगा दूं मैं,
फ़लक से मेहर-ओ-माह को ज़मीन पर उतार दूँ।</poem>
Sharda suman
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