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10:00, 20 दिसम्बर 2021 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आन्ना अख़्मातवा
|अनुवादक=राजा खुगशाल
|संग्रह=
}}
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<poem>
मेरा कहना है
मेरी ख़ास रुचि नहीं है
इस पुरानी भव्य इमारत<ref>साँक्त पितिरबूर्ग में फ़ोन्तियन नदी के किनारे बना फ़ोन्तियन हाउस</ref> में
यद्यपि
इसी में बीता है
मेरा अधिकांश जीवन
फ़ोन्तियन हाउस की
प्रसिद्ध छत के नीचे
रही हूँ मैं
मैं तब भी निस्पृह थी
जब पहले-पहल
प्रवेश किया था मैंने इसमें
और वैसी ही हूँ
इसे छोड़ते हुए भी ।
1952
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजा खुगशाल'''
</poem>
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