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06:37, 31 मार्च 2022 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=संतोष अलेक्स
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
दीवारों से
मुझे डर लगता है
दीवार की बात करने पर
सबसे पहले चीन की दीवार
की बात उठती है
मेरे घर की दीवारों पर
सीमेंट नहीं लगा है
न
यह लारी बेकर की डिजाइन के
अनुरूप नहीं बना है
दीवारें मौजूद है सब कहीं
इसे देखा नहीं जा सकता
महसूस किया जा सकता है
जेल की दीवारें घर की दीवारें
अस्पताल की दीवारें
सब सीमा में कैद हैं
हकीकत यह कि
अस्पताल की दीवारों ने
सबसे ज्यादा प्रार्थनाएँ सुनी हैं
<poem>