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09:21, 17 जुलाई 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
}}
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<poem>
कदैई आळस मरोड़ती
आंगळियां रा कटका काढती अजेज
आंख सूं मुळक लेवै थूं
अेक जांण्या-पतवांण्या
नित रा जंजाळ री बरसाळी में
हंसी हेरतौ खोवाय जावूं म्हैं
सांनी में रोवती डुसकै
म्हारी आतमा
मनोमन अेकधार उडीकै
प्रीत री पधरावणी।
</poem>
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