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इतना प्यार! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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08:27, 5 अगस्त 2022
सबकी ये दुआएँ
दुःख न पास आएँ।
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नेह की धूप
प्राणप्रिया बिटिया
आत्मा का रूप
मिलें जितने जन्म
साथ रहना सदा।
</poem>
वीरबाला
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