825 bytes added,
07:32, 28 अगस्त 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शशिप्रकाश
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
इतिहास के बेहद अन्धेरे दौरों में
प्यार को संघर्ष से,
जीने की चाहत को
मौत के जोखिमों से,
नींद को हाड़तोड़ श्रम से और
दिमाग़ की नसों के चिटखने की हद तक
तनाव देने वाले विचार-मन्थन से,
हृदय की कोमलता को
फ़ैसलाकुन होने की कठोरता से
अलगाकर देख पाना
असम्भव-सा होता है !
</poem>