Changes

स्वप्न / शशिप्रकाश

747 bytes added, 10:26, 28 अगस्त 2022
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शशिप्रकाश |अनुवादक= |संग्रह=कोहेक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शशिप्रकाश
|अनुवादक=
|संग्रह=कोहेकाफ़ पर संगीत-साधना / शशिप्रकाश
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
एक दिन अचानक
दहक उठेंगे पर्वत
सदियों के सोए संकल्प जागेंगे

विस्मृति के अँधेरे से
बाहर आ जाएँगी अजेय आत्माएँ
मुक्त होंगी कल्पनाएँ

सृजन के अग्निपक्षी निर्बन्ध
उड़ेंगे उन्मुक्त आकाश में ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits