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12:58, 12 अक्टूबर 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=देवनीत
|अनुवादक=जगजीत सिद्धू
|संग्रह=
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{{KKCatKavita}}
<poem>
'''यह कविता खाड़ी युद्ध के दौरान 6 अप्रैल 2003 को लिखी गई थी ।'''
बुश खानदान,
मुहावरा बदलना चाहता है,
गुण्डागर्दी - फ़ासीवाद - दादागिरी
की जगह
बुशगर्दी - बुशवाद - बुशगिरी,
सद्दाम के पास बड़ा दिल है,
जिस समय बारूद के आगे,
दिल आकर रुक गया है,
सद्दाम जीत गया है ।
बुश की तरह कायर लोगो,
ऐलान करो,
सद्दाम हमेशा जीतता रहेगा ....
—
'''मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : जगजीत सिद्धू'''
</poem>