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ज़िन्दा रहना चाहता है इनसान / बरीस स्लूत्स्की / वरयाम सिंह
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10:28, 11 दिसम्बर 2022
ज़िन्दा रहना चाहता है मौत तक और उसके बाद भी
मौत को स्थगित रखना चाहता है मरने तक
निर्लज्ज हो चाहता है कहना :
’तो अब’
तो अब
सुनना चाहता है आने वाले कल के समाचार
अनिल जनविजय
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