गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बरसों-बरस / बैर्तोल्त ब्रेष्त / शुचि मिश्रा
1 byte added
,
19:38, 28 दिसम्बर 2022
बादल और कोहरा रहा आएगा
बजरी पर गुस्सा उतारता ही रहेगा पानी
और बंजर ज़मीन पर एक झोंका थरथराएगा!
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : शुचि मिश्रा'''
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits