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11:44, 25 फ़रवरी 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=मदनलाल मधु
|संग्रह=मेरा दग़िस्तान / रसूल हम्ज़ातव / मदनलाल मधु
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
रेवड़ तीन अगर भेजोगे भेड़ों के
नहीं भौंह तक बेटी की तुमको दूँगी ।
तीन थैलियाँ सोने की यदि भेजोगे
नहीं गाल तक बेटी का तुमको दूँगी ।
तीन थैलियों के बदले में मैं तुमको
नहीं गाल का गुल तक बेटी का दूँगी ।
काले कौवे को मैं उसे नहीं सौंपूँगी
और दयालु मोर न मैं उसको दूँगी ।
अरी तीतरी तुम मेरी !
नन्ही-सी सारस मेरी !
—
'''रूसी भाषा से अनुवाद : मदनलाल मधु'''
</poem>
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