720 bytes added,
09:20, 7 मई 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अदनान कफ़ील दरवेश
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मुझे विश्वास रखना चाहिए
जब विश्वास लायक़
कुछ न बचा हो
मुझे विश्वास रखना चाहिए
जिनसे
कोई उम्मीद न हो
मुझे विश्वास रखना चाहिए
जिसका कोई
भविष्य न हो
मुझे विश्वास रखना ही चाहिए
कि मेरी गर्दन पर
आपका ही छुरा है ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader