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सफ़ेद रात को / आन्ना अख़्मातवा / अनिल जनविजय
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17:15, 7 जून 2023
जीवन बन चुका है जहन्नुम कहर भरा
तुम लौटकर आओगे मेरे पास ज़रूर
यह यक़ीन
है
था
मुझको पूरा-पूरा
'''मूल रूसी भाषा से अनूदित : अनिल जनविजय'''
अनिल जनविजय
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