गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हद दरजे की नफ़रत / रॉक डाल्टन / अनिल जनविजय
No change in size
,
20:07, 22 जून 2023
हालाँकि उस समय भी मैं कर्ज़दार था आश्रयदाताओं का
इसलिए मैं तेरी
लागर
लागत
पर बना एक छोटा - मोटा ईश्वर हूँ
(मेरा मतलब है कि मैं प्रवासी हूँ
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,588
edits