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हद दरजे की नफ़रत / रॉक डाल्टन / अनिल जनविजय

ओ देश मेरे ! तेरा कोई वजूद नहीं है
तू मेरी ही एक ख़राब छवि है
तू वो शब्द है दुश्मनीभरा, जिसपर मैंने भरोसा किया

पहले मैं सोचता था कि तू अभी बहुत छोटा है
इसलिए मुझे एक बार में ही नहीं मिल सकती
तेरी उत्तरी और दक्षिणी दिशाएँ
लेकिन अब मुझे पता है कि तेरा कोई वजूद ही नहीं है
और अब तो मुझे ऐसा भी लगता है कि किसी को तेरी ज़रूरत ही नहीं है
मैंने किसी भी माँ को तेरे बारे में बात करते हुए नहीं सुना

यह सब जानकर मैं ख़ुश हुआ
क्योंकि यह इस बात का सबूत है कि मैंने अपने मन में गढ़ रखा था एक देश
हालाँकि उस समय भी मैं कर्ज़दार था आश्रयदाताओं का

इसलिए मैं तेरे तटों पर पैदा हुआ एक छोटा - मोटा ईश्वर हूँ

(मेरा मतलब है कि मैं प्रवासी हूँ
और तू मेरा पुराना देश)

मूल स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय

और अब पढ़िए इस कविता को मूल स्पानी भाषा में
          Roque Dalton
   EL GRAN DESPECHO

País mío no existes
sólo eres una mala silueta mía
una palabra que le creí al enemigo

Antes creía que solamente eras muy chico
que no alcanzabas a tener de una vez
Norte y Sur
pero ahora sé que no existes
y que además parece que nadie te necesita
no se oye hablar a ninguna madre de ti

Ello me alegra
porque prueba que me inventé un país
aunque me deba entonces a los manicomios

Soy pues un diosecillo a tu costa

(Quiero decir: por expatriado yo
tú eres ex patria)