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23:18, 2 जुलाई 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मीता दास
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
गोली मारो यह एक साधारण शब्द है फिर भी
गोली कौन मार रहा है,
गोली क्यों मारी जा रही है मैं जानना चाहती हूँ
गोली-बंदूक कहाँ हो रही हैं इकट्ठी या इकट्ठी हो चुकी हैं
मैं समझना चाहती हूँ !
गोली मारो एक साधारण सा शब्द है
पर मतलब कई रखता है...
मैं समझना चाहती हूँ और
समझाना भी चाहती हूँ
जो.... जानकर भी
अनजान बने बैठे हैं
....आरामगाहों में।
</poem>