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इतना प्यार! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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06:31, 8 अगस्त 2023
पास आकर छुआ
वो तुम थी प्राणवायु!!
</poem>
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झरती बूँदें
हिमनद उर से
सिंचित प्राण
कोई न होगा वह
केवल तुम्हीं तो हो।
वीरबाला
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