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09:48, 27 नवम्बर 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद शामलू
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
|संग्रह=
}}
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<poem>
वह जो कहता है कि मैं प्यार करता हूँ तुम्हें
है एक शोकाकुल कवि
जिसने खो दिए हैं अपने गीत ।
काश ! प्यार को
होती जुबान बोलने के लिए ।
हज़ार ख़ुश लवा पक्षी
उड़ते हैं तुम्हारी आँखों में,
हज़ार बुलबुलें
चुप हो जाती है मेरे गले में ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
वह जो कहता है मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
है रात्रि का नील हृदय
तलाश में चाँदनी की ।
काश ! प्यार को
होती ज़ुबान बोलने के लिए ।
हज़ार हंसते हुए सूर्य
तुम्हारे क़दमों में
हज़ार रोते हुए तारे
मेरी कामना में ।
काश ! प्यार केवल बोल पाता ।
'''शोलेह वोलपे के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''
</poem>
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