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वेदना को शब्द के परिधान पहनाने तो दो / हरेराम समीप
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03:51, 9 दिसम्बर 2023
इन परिंदों को ज़रा तुम पंख फैलाने तो दो
ऐ
अँधरो
अँधेरो
! देख लेंगे हम तुम्हें भी कल सुबह
सूर्य को अपने सफर से लौट कर आने तो दो
डा० जगदीश व्योम
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