गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बोलिवर के लिए गीत / पाब्लो नेरूदा / अनिल जनविजय
1 byte removed
,
11:12, 5 जुलाई 2024
हमारे पिता, जो बसे हैं हमारी धरती में,
जो पानी में हैं और हवा में भी हैं
हमारी पृथ्वी के विशाल और मौन विस्तार में समाए हुए हैं
जो ।
जो।
पिता !
हमारे देश में सब कुछ तुम्हारे ही नाम पर है ।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,941
edits