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ज़ख़्म महकेंगे तो आहों में असर भी आएगा / ‘अना’ क़ासमी
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07:45, 31 दिसम्बर 2024
ऐ ख़ुदा इक दिन न इक दिन तू नज़र भी आएगा
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वीरेन्द्र खरे अकेला
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