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<poem>
मैं सूखे के बारे में सोच रही हूँ
पूरी तरह से सूख गई है मेरे घर के बाहर ज़मीन
तालाब में पानी नहीं है
और माली ने सुखा दिए हैं सारे पौधे
बेहद मुश्किल समय है
और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं इस सूखे को झेलने की ।
 
मैंने बालटी में पानी भरकर
नहाने का एक तरीका ढूँढ़ लिया है ।
मैं एक ऐसी औरत को जानती हूँ
हमेशा हरे-भरे रहने वालेजिसके घर के पिछवाड़े में
बनी हुई हैं छह टंकियाँ
पर फिर भी वो कहती है —
पानी पूरा नहीं पड़ रहा ।
 
इस देश में रहते हैं ग़रीब लोग
जिनके यहाँ पानी के नल नहीं हैं
जो अपने सिर पर ढोकर लाते हैं बाल्टियों में नदी से पानी ।
 
घर की चौकियों पर बैठकर
वे ख़ुदा से यह प्रार्थना करते हैं —
"अल्लाह, मेघ दे, पानी दे, पानी दे — गुड़धानी दे"
ताकि फिर से उगने लगें उनकी फ़सलें
स्कूलों में अगली फ़ीस जमा करने का समय आने से पहले ।
 
घने-भारी घेरे बनाकर ग़रीब लोग नाच रहे हैं
बारिश के लिए
 
ओबेह के लोग पूरी मेहनत कर रहे हैं
बारिश के लिए
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
the parched earth outside my door,
the plant the gardener killed
with water from the pool, in desperate times,
we try everything.
I have mastered the art of bathing
from a bucket. I know a lady with seven water tanksin her forever-green backyard, she says they're not enough.
There are poor people in this country
before the next set of school fees are due.
Poor people in thick circles dancing for rain.
Obeah men getting extra business for rain.
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