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{{KKRachna
|रचनाकार=मृदुल कीर्ति
}}
[[Category:लम्बी रचना]]
[[Category:उपनिषद]]
[[Category:हरिगीतिका]]
'''ॐ श्री परमात्मने नमः''' <br><br>
'''शांति पाठ'''<br>
<span class="upnishad_mantra">
</span>
<span class="mantra_translation">
हे सच्चिदानंद प्रभो ! मन वचन मेरे विशुद्ध हों,<br>
शुचि वेद विषयक ज्ञान से, मन वाणी मेरे प्रबुद्ध हों।<br>
दिन रात वेदों का अध्ययन , वाणी में ऋत सैट अमिय हो,<br>
रक्षित हों श्री आचार्य मम , हे ब्रह्म हम सब अभय हों॥ <br><br>
</span>
* '''प्रथम अध्याय'''
** [[प्रथम अध्याय / प्रथम खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति]]
** [[प्रथम अध्याय / द्वितीय खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति]]
** [[प्रथम अध्याय / तृतीय खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति]]
* '''द्वितीय अध्याय'''
** [[द्वितीय अध्याय / प्रथम खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति]]
* '''तृतीय अध्याय'''
** [[तृतीय अध्याय / प्रथम खंड / ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति]]