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ऐतरेयोपनिषद / मृदुल कीर्ति
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ॐ श्री परमात्मने नमः
शांति पाठ
हे सच्चिदानंद प्रभो ! मन वचन मेरे विशुद्ध हों,
शुचि वेद विषयक ज्ञान से, मन वाणी मेरे प्रबुद्ध हों।
दिन रात वेदों का अध्ययन , वाणी में ऋत सैट अमिय हो,
रक्षित हों श्री आचार्य मम , हे ब्रह्म हम सब अभय हों॥
- प्रथम अध्याय
- द्वितीय अध्याय