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ख़त आ चुका, मुझसे है वही ढंग अब तलक / सौदा
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18:16, 3 फ़रवरी 2009
<poem>
ख़त आ चुका, मुझसे है वही ढंग
अब
अब तलक
वैसा ही मिरे नाम से है नंग1 अब तलक
विनय प्रजापति
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