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नज़र न आना / सुदर्शन वशिष्ठ
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21:41, 17 फ़रवरी 2009
बड़ी मुश्किल से मिलता है ऐसा इन्सान
जो न दोस्त हो न दुश्मन
बस इन्सान हो।
और जिसे पूछा जाए
आप तो नज़र नहीं आते
प्रकाश बादल
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