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हर बेज़ुबाँ को शोला-नवा<ref>जिसकी आवाज़ में आग हो</ref> कह लिया करो
यारो, सुकूत<ref>मौन</ref>ही को सदा<ref>आवाज़</ref>कह लिया करो
ख़ुद को फ़रेब दो कि न हो तल्ख़ ज़िन्दगी
दिखलाए जा सकें जो न काँटे ज़ुबान के
तुम दास्तान-ए-कर्ब-ओ-बला<ref>दुखों की कहानी</ref>कह लिया करो
ले-दे के अब यही है निशान-ए-ज़िया<ref>प्रकाश का चिह्न</ref>क़तील
जब दिल जले तो उसको दिया कह लिया करो
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