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[[Category:ग़ज़ल]]
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दौड़ती हांफ़ती हाँफ़ती सोचती जिंदगीज़िन्दगीहर तरफ़ हर जगह हर गली जिंदगी. ज़िन्दगी
हर तरफ़ है धूल है धूप है दोस्तो
धूल और धूप में खाँसती जिंदगी. ज़िन्दगी
लब हिलें कुछ कहें कहे कुछ सुने तो कोईबहरे लोगों में गूंगी हुई जिंदगी. ज़िन्दगी
दिल उसारे महल सर पे छ्त भी नहीं
दिल से अब पेट पर आ गयी जिंदगी.
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