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दौड़ती हांफ़ती सोचती जिंदगी / सतपाल 'ख़याल'
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12:58, 1 मार्च 2009
दिल उसारे महल सर पे छ्त भी नहीं
दिल से अब पेट पर आ गयी
ज़िन्दगी
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द्विजेन्द्र द्विज
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