Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'}}{{KKPageNavigation|पीछे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 4|आगे=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल' पृष्ठ 6|सारणी=मुरली तेरा मुरलीधर / प्रेम नारायण 'पंकिल'
}}
<poem>  
सो कर नहीं बिता वासर दिन रात जागता रह मधुकर
जो सोता वह खो देता है मरुथल में जीवन निर्झर