* [[उन्हें अब ज़ख़्म सीना आ गया है / गोविन्द गुलशन]]
* [[कौन अपना है ये चेहरों से नहीं जानते हैं / गोविन्द गुलशन]]
* [[जो ख़त लिखे हुए थे, किताबों में रह गए/ गोविन्द गुलशन]]* [[दिल को सुकून दीदा-ए-तर ने नहीं दिया/गोविन्द गुलशन]]* [[बहुत ख़फ़ा हैं वो आज हमसे हमें बस इतना जता रहे हैं/गोविन्द गुलशन]]