गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जब बीड़ी से धुवाँ उठेगा / केशव शरण
No change in size
,
13:22, 21 जुलाई 2009
जब नदी के कूल आए हैं
लपटॊम
लपटों
से घिरे
चित्रमौ
चित्रमय
आसमान से
उनका मन तभी जुड़ेगा
जब उनकी बीड़ी से धुवाँ उठेगा
</Poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,627
edits