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रसोई घर में औरतें / सुदर्शन वशिष्ठ
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<poem>यह कविता उनके नाम जो रहती हैं रसोई
मे6
में
रसोई और घर के दो चार कमरे
या बहुत हुआ तो आँगन
प्रकाश बादल
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