गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता / शहरयार
31 bytes added
,
10:48, 17 सितम्बर 2007
ye Nida Fazli sahib ki hai..!!
तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो <br>
जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता <br><br>
ye Nida Fazli sahib ki hai..!
Anonymous user
59.94.151.59