Changes

आस्था-4 / राजीव रंजन प्रसाद

94 bytes added, 10:25, 30 सितम्बर 2009
'''आस्था -४'''{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=राजीव रंजन प्रसाद |संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<br /poem> पागल हूं हूँ तो पत्थर मारो<br />दीवाना हूँ हँस लो मुझपर<br />मुझ परमुझे तुम्हारी नादानी से<br />और आस्थाये आस्थाएँ गढनी हैं...<br /poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits